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1996 बैच के पूर्व छात्रों द्वारा समर्थित माइक्रोन सेमीकंडक्टर लैब पहल, अनुसंधान एवं विकास प्रयासों को बढ़ाने के भारत के मिशन के साथ संरेखित है

देहरादून – सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता के लक्ष्य का समर्थन करने व समग्र इलेक्ट्रॉनिक्स पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूड़की ने नवाचार को बढ़ावा देने एवं उच्च कुशल स्थानीय कार्यबल विकसित करने में सहायता हेतु माइक्रोन के साथ (एमओयू) समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। एमओयू पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत एवं माइक्रोन इंडिया के प्रबंध निदेशक श्री आनंद राममूर्ति ने हस्ताक्षर किए और इसके बाद आईआईटी रूड़की के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी विभाग में माइक्रोन सेमीकंडक्टर लैब का उद्घाटन किया गया।
साझेदारी में प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अनुसंधान को आगे बढ़ाना, छात्रों के लिए अनुभवात्मक सीखने के अवसर प्रदान करना, छात्र भर्ती गतिविधियों को विकसित करना और उद्योग-प्रासंगिक प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करना शामिल है। माइक्रोन सेमीकंडक्टर लैब स्थानीय तकनीकी विशेषज्ञता के महत्व को पहचानते हुए, छात्र इंटर्नशिप एवं फेलोशिप के माध्यम से अनुकूलन और विकास के लिए आईआईटी रूड़की के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल, प्रक्रियाओं एवं संसाधनों को प्राथमिकता देगी। यह एक संवर्धित पाठ्यक्रम, एक भौतिक प्रयोगशाला और प्रोफेसरों के एक पैनल के समर्थन से विशेष परास्नातक एवं डॉक्टरेट उपाधि कार्यक्रमों के माध्यम से हासिल किया जाएगा जो छात्रों के तकनीकी विकास पर उनके साथ मिलकर कार्य करेंगे।
उनके चल रहे प्रयासों के अनुरूप, 1996 की आईआईटी रूड़की बैच ने संस्थान में प्रतिष्ठित “राहुल अग्रवाल-96 चेयर” को प्रायोजित करने का वादा किया है। राहुल अग्रवाल 1996 बैच के पूर्व छात्र हैं। यह चेयर, उद्योग एवं शिक्षा जगत के समर्थन से, चिप डिजाइन, प्रौद्योगिकी, मॉडलिंग, लक्षण वर्णन एवं उत्पाद विकास में माइक्रोन सेमीकंडक्टर लैब के अनुसंधान तथा शैक्षणिक पहल की सुविधा प्रदान करेगी।
माइक्रोन इंडिया के प्रबंध निदेशक आनंद राममूर्ति ने कहा, “हमारे यूनिवर्सिटी रिसर्च अलायंस, माइक्रोन (यूआरएएम) आउटरीच के एक भाग के रूप में, यह पहल भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के साथ अच्छी तरह से मेल खाती है। हम 1996 के पूर्व छात्र वर्ग के समर्थन और सहयोग के लिए आभारी हैं। इस प्रतिष्ठित संस्थान के पूर्व छात्र के रूप में, यह पहल मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखती है।
अमेरिका स्थित पेंस्के ट्रांसपोर्टेशन सॉल्यूशंस में डेटा एवं इमर्जिंग डिजिटल टेक्नोलॉजीज के उपाध्यक्ष व 1996 की कक्षा का प्रतिनिधित्व करने वाले आईआईटी रूड़की के पूर्व छात्र सरवंत सिंह राणा ने भारत के हाई-टेक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अधिक टिकाऊ भविष्य बनाने हेतु इस महत्वपूर्ण पहल का समर्थन करने पर गर्व व्यक्त किया। राणा ने कहा कि, “इस तरह की पहल व्यापक पूर्व छात्र नेटवर्क एवं आईआईटी रूड़की के बीच अधिक संबंध बनाने के अवसरों को मान्य करती है ताकि गहरे उद्योग शैक्षणिक संघों, अनुसंधान और विकास सहयोगों के साथ-साथ वित्तीय सहायता के लिए समर्थन एवं उन्नति के एक मजबूत नेटवर्क की सुविधा मिल सके।”
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के निदेशक प्रोफेसर के.के. पंत ने कहा, “जैसे-जैसे हम भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं, आईआईटी रूड़की अग्रणी तकनीकी प्रगति के प्रति अपने समर्पण में दृढ़ बनी हुई है। हमारे सम्मानित पूर्व छात्रों के नेतृत्व में, हम भारत के सेमीकंडक्टर परिदृश्य को आकार देने और 2047 तक एक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए तैयार हैं, जैसा कि हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री मोदी ने कल्पना की है।
संकाय एवं छात्रों के अलावा, माइक्रोन इंडिया में डिवाइस टेक्नोलॉजी के निदेशक सीआर पार्थसारथी, प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी – प्रायोजित अनुसंधान एवं औद्योगिक परामर्श कुलशासक, प्रोफेसर एन.पी. पाठक – इलेक्ट्रॉनिक्स संचार एवं अभियांत्रिकी विभाग के अध्यक्ष, एवं प्रोफेसर साई रामुडु मेका – सह कुलशासक कॉरपोरेट इंटरेक्शन ने एक जीवंत सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करने के लिए कार्यक्रम में भाग लिया।

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