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देहरादून। जयंत चौधरी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय तथा राज्य मंत्री, शिक्षा मंत्रालय ने आज वर्ल्डस्किल्स 2024 प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया, जिसका आयोजन हाल ही में फ्रांस के ल्योन में किया गया था। उन्होंने आठ पैरालम्पिक विजेताओं (र्प्रवीण कुमार, अजीत सिंह यादव, शरद कुमार, प्रणव सूरमा, सिमरन शर्मा, रूबीना फ्रैंकिस, राकेश कुमार, प्रीथि पाल) को भी सम्मानित किया, जो 19 वर्ल्डस्किल्स विजेताओं के सम्मान समारोह में मौजूद रहे और सख्त विश्वस्तरीय मानकों पर खरे उतरते हुए विजयी हुए।
‘‘वर्ल्डस्किल्स ल्योन 2024 की भारतीय टीम के पदक एवं उत्कृष्टता पदक विजेताओं से बात करके बहुत अच्छा लगा। इन सभी खिलाड़ियों ने ज़बरदस्त आत्मविश्वास का प्रदर्शन किया और देश के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं। ल्योन में भारत का परफोर्मेन्स शानदार रहा, देश ने चार कांस्य पदक सहित 16 सम्मान अपने नाम किए, यह भारत को कौशल की दृष्टि से दुनिया की राजधानी बनाने के हमारे लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उद्योग जगत में कुशल कार्यबल की बढ़ती मांग के साथ स्किल बेंचमार्किंग पर चर्चा भी तेज़ हो रही है। अब हमारे पास ऐसी टीम है जिसने सबसे सख्त विश्वस्तरीय मानकों पर खरा उतरते हुए ल्योन में बेहतरीन परफोर्मेन्स दिया।’ जयंत चौधरी ने कहा।
उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों की उपलब्धियां न सिर्फ उनके समर्पण को दर्शाती हैं बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदृष्टा नेतृत्व में भारत की सशक्त कौशल प्रणाली को भी इंगित करती हैं। ये उपलब्धियां पारम्परिक कारीगरी एवं उभरते उद्योगों में हमारी बढ़ती विशेषज्ञता की पुष्टि करती हैं और मुख्य क्षेत्रों में ग्लोबल लीडर के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत बनाती हैं।
पेरिस 2024 के नौ पैरालिम्पिक विजेताओं को भी इस अवसर पर सम्मानित करते हुए माननीय मंत्री जी ने कहा, कड़ी मेहनत से हम किसी भी चुनौती से निपट सकते हैं। पेरिस 2024 में पैरालिम्पिक टीम की असाधारण उपलब्धियां हमारा उत्साह बढ़ाती हैं, जिन्होंने इतनी मुश्किलों के बीच 29 पदक अपने नाम किए।’ चौधरी ने कहा कि मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि वर्ल्डस्किल्स की उपलब्धियों पर भी हमें उतना ही गर्व होना चाहिए, जितना कि हम ओलम्पिक में जीत पर गर्व महसूस करते हैं। जिस तरह से हम विश्वस्तरीय मंच पर हमारे एथलीट्स की सफलता का जश्न मनाते हैं, ठीक उसी तरह हमें अपने वर्ल्डस्किल्स चौम्पियनों को भी सम्मानित करना चाहिए। उनके साथ मिलकर जश्न मनाना चाहिए, उनसे सीखना चाहिए, क्योंकि ये हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा कि आपके समर्पण के साथ आपकी जीत ने हमारे मिशन को और अधिक आसान बना दिया है, विश्वस्तरीय कौशल मानचित्र पर भारत के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है।
एनएसडीसी की ब्राण्ड अम्बेसडर प्रीति पाल भी इस अवसर पर मौजूद रहीं। उन्होंने पैरालिम्पिक्स में भारत का पहला पैरा-एथलेटिक्स पदक -पेरिस के 2024 गेम्स में वुमेन्स 100 मीटर टी35 रेस में कांस्य जीतकर इतिहास रचा है।

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