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-परमार्थ निकेतन माँ गंगा के पावन तट पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में किया शस्त्र पूजन
-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100वें वर्ष में प्रवेश के अवसर पर इस ऐतिहासिक एवं विलक्षण यात्रा को समर्पित की आज की परमार्थ निकेतन गंगा आरती
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में शिक्षा, स्वास्थ्य और सहकारिता मंत्री उत्तराखंड सरकार  धनसिंह रावत  सपरिवार पधारे। उन्होंने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में विश्व विख्यात गंगा जी की आरती में सहभाग किया।
मंत्री  ने आज विजयदशमी के पावन अवसर पर परमार्थ गंगा तट पर आयोजित शस्त्र पूजन में वेद मंत्रों के साथ अस्त्र-शस्त्रों का पूजन किया।
धनसिंह रावत  ने इस अवसर पर कहा कि परमार्थ निकेतन में आना और गंगा जी की आरती में सम्मिलित होना मेरे लिए अत्यंत गर्व की बात है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती  के सान्निध्य में यह अनुभव अत्यंत प्रेरणादायक और आध्यात्मिक है। विजयादशमी के पावन अवसर पर शस्त्र पूजन कर अपने राष्ट्र, राज्य व समाज की सुरक्षा और समृद्धि हेतु गंगा जी से प्रार्थना की।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज अपने स्थापना के 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है इस दिव्य अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने  कहा कि राष्ट्रऋषि डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी ने 1925 में विजयादशी के दिन ही इस संगठन की स्थापना की थी तब से लेकर आज तक जो ऐतिहासिक, विलक्षण और अद्भुत सेवा कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने किये वह अविस्मरणीय है। इस ऐतिहासिक अविरल यात्रा को अनवरत जारी रखने के लिये डा केशव बलिराम हेडगेवार जी से लेकर श्रद्धेय गुरूजी और माननीय सरसंघचालक, आधुनिक वैज्ञानिक, ऋषि माननीय मोहन भागवत जी तक और स्वयं सेवक संघ परिवार के सभी सदस्य में सेवा, सयंम  और समर्पण का अद्भुत संगम है और यह यात्रा अद्भुत, अलौकिक और अवर्णनीय है। क्या तो समर्पण है और क्या ही सेवा का भाव है। सेवा में ही आनंद. उमंग, उत्साह, उल्लास, जज्बा, जुनून, और जोश, ये सब संघ के संस्कार है, जो गुरु जी का मंत्र ’राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम’ यह सब इसी की देन है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राष्ट्रभक्ति और सांस्कृतिक धरोहर को विगत 99 वर्षाे से सहेज कर रखा है और भारतीय समाज में नैतिकता, देशभक्ति और सामाजिक समरसता को जीवंत व जागृत रखने हेतु अद्भुत कार्य किये हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा राहत और स्वच्छता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया। इस संस्था का देश की सुरक्षा और अखंडता के प्रति जो समर्पण है वह अद्भुत है। समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को मुख्य धारा में लाने के लिये जो कार्य आरएसएस द्वारा किये जा रहे हैं वह अनुकरणीय है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह शताब्दी वर्ष और विजयादशमी का पर्व हमें अपने उद्देश्यों और संकल्पों की याद दिलाता है। इस ऐतिहासिक अवसर पर हम माँ गंगा से प्रार्थना करते हैं कि यह यात्रा इसी तरह अनवरत जारी रहे और आज की विश्व विख्यात परमार्थ निकेतन गंगा आरती समर्पित करते हैं। स्वामी जी ने हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट कर माननीय मंत्री धन सिंह रावत का आज विजयादशमी के दिन अभिनन्दन किया।

By admin